Tuesday, December 6, 2011

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ट्वीट ट्वीट कपिल सिबल
चर्चे हर तरफ अविरल
सरकार तो थी हीं सुसाइडल
आप ने भी खोद डाला दलदल

बोलें भावनाओं को पहुंची हैं ठेस
आकाल पीड़ित भी हो गया है सूटकेस
लोकपाल से हो गए है तंग
कम्बखत अब यह फेसबुक की जंग

कोई नहीं करता हमारे स्टेटस को लाइक
अन्ना तो छीन चूकें हमसे माइक
सोनिया जी भी अब ध्यान नहीं देती
मंत्रालय से मंत्रालय घुमाती

अब कब तक खाएं एक अचार
नहीं अब होता और संचार
करना होगा कुछ यूँ प्रहार
की मूक हो जाए जनता दरबार

मंहगा हो चूका है हरा चना
इस वॉल पर है अब मूतना मना
सावधानी से करना कल्पनाओं को व्यक्त
इस निगरानी के विकल्प सख्त

मिट जाएगा वह हर अपडेट
जहां लिखोगे इन्फ्लेसन रेट
धर्म का तो नाम मत लेना
इसी सहारे है चुनावी नाव खेना

पर नहीं जानते सिबल बाबु
कैसे करें जनतंत्र पे काबु
साँसों से अहम विचार है
फेसबुक तो जन्मसिद्ध अधिकार है

करते हैं इसी पे आंदोलन अटेंड
ऑफिस टाइम में मनाते हैं वीकेंड
लॉग इन हर सेकंड बाई सेकंड
इस के बिना जीवन है डेड एंड

- ख़ुफ़िया कातिल का चहकता इंतेकाम


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